जीवन परिचय- सुश्री अनुसुईया उइके (Anusuiya Uikey) का जन्म मध्य प्रदेश के छिन्दवाड़ा जिले में ग्राम रोहनाकलां में 10 अप्रैल, 1957 को हुआ था। उनके पिता का नाम स्व. श्री लखनलाल उइके है। सुश्री उइके को बचपन से ही सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों से बहुत लगाव था। वे छात्र जीवन से ही इन गतिविधियों में भाग लेना आरंभ कर दिया था।
सुश्री उइके एक आदिवासी महिला भाजपा राजनेत्री है जो इनकी पारिवारिक पृष्टभूमि ग्रामीण क्षेत्र से है, इनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव से हुई एवं उसके बाद में इन्होनें अर्थशास्त्र में एमए और एलएलबी की परीक्षा पास की और शासकीय महाविद्यालय तामिया, जिला-छिन्दवाड़ा (म.प्र.) में वर्ष 1982-1985 तक अर्थशास्त्र की व्याख्याता पद पर कार्य किया। और फिर अपनी शासकीय नौकरी से त्यागपत्र देकर राजनीति में प्रवेश कर लिया। वर्ष 1985 में सर्वप्रथम विधानसभा चुनाव लड़ी और सन् 1985-1990 तक दमुआ विधानसभा क्षेत्र की विधायक रही। सुश्री ने विधायक और सांसद पद पर रहते हुए आदिवासी महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए भारत के राष्ट्रपति और उपराष्ट्र्पति के साथ में कई बार विदेशी दौरे भी किए। और फिर उन्हे 17 जुलाई 2019 को छत्तीसगढ़ राज्य में राज्यपाल के तौर पर नियुक्त किया गया।
मूल नाम - अनुसुईया उइके (Anusuiya Uikey)
जन्म - 10 अप्रैल, 1957 (उम्र- 64)
पिता का नाम - स्व. श्री लखनलाल उइके
माता का नाम- अज्ञात
जन्म स्थान - ग्राम रोहनाकलां, जिला-छिन्दवाड़ा (म.प्र.)
पता – एम आई जी – 9 डूप्लेक्स, चित्रकूट कॉम्पलेक्स, नागपूर रोड, जिला-छिन्दवाड़ा (म.प्र.)
शिक्षा- अर्थशास्त्र (स्नातकोत्तर), एल.एल.बी
धर्म- हिन्दू्
जाति- अनुसूचित जनजाति (आदिवासी)
भाषा - हिन्दी, अंग्रेजी, गोंडी
राष्ट्रीयता- भारतीय
राजनीतिक दल – भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
पेशा- राजनीति
वर्तमान में- छत्तीसगढ़ की पहली महिला आदिवासी राज्यपाल (17 जुलाई 2019)
माननीय राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके, (छत्तीसगढ़) की राजनीतिक कैरियर के बारे में-
- वर्ष 1982-85 तक शासकीय महाविद्यालय, तामिया जिला छिन्दवाड़ा (म.प्र.) में व्याख्याता के पद पर कार्य किया।
- वर्ष 1985-1990 तक छिन्दवाड़ा जिले के दमुआ विधानसभा क्षेत्र की विधायक का प्रतिनिधित्व का निर्वहन किया।
- वर्ष 1988-1989 तक मध्यप्रदेश सरकार, भोपाल में महिला एवं बाल विकास विभाग, की मंत्री रही।
- वर्ष 1998-1999 तक म.प्र. के छिन्दवाड़ा जिले में भूमि विकास बैंक (ग्रामीण एवं कृषि विकास बैंक) की प्रभारी अध्याक्ष बनाई गई।
- जनवरी 2006 से मार्च 2006 तक मध्यप्रदेश सरकार, भोपाल में म.प्र. राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग की अध्यक्ष रही।
- राष्ट्रीय महिला आयोग, भारत सरकार, दिल्ली में वर्ष 2000-2003 एवं 2003-2005 तक दो बार सदस्य के पद पर कार्य किया।
संसदीय दायित्व एवं विभागीय समितियों का निर्वहन
- 04 अप्रैल 2006 से 04 अप्रैल 2012 तक राज्यसभा सांसद का निर्वहन किया।
- वर्ष 2006-2009 तक संसदीय समिति, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, नई दिल्ली में पूर्व सदस्य के पद पर नियुक्ति मिली।
- वर्ष 2006-2009 तक हिन्दी सलाहकार समिति, खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली में पूर्व सदस्य के पद पर नियुक्ति मिली।
- वर्ष 2006-2009 तक सलाहकार समिति, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली में पूर्व सदस्य के पद पर नियुक्ति मिली।
- वर्ष 2006 में पूर्व सदस्य के तौर पर टेलीफोन एडवाईजरी कमेटी, जिला छिन्दवाड़ा का दायित्व मिला।
- वर्ष 2007 में पूर्व सदस्य के तौर पर रेलवे सलाहकार समिति एसईसीआर रेलवे जोन समिति के दायित्व का निर्वहन किया।
- वर्ष 2009 में पूर्व सदस्य के तौर पर अनुसूचित जातियों एवं जनजातियों के कल्याण समिति, ग्रामीण विकास संबंधी संसदीय स्थायी समिति एवं सलाहकार समिति, कोयला मंत्रालय, भारत सरकार नई दिल्ली के दायित्वों का निर्वहन किया।
विशेष उपलब्धियां एवं पुरस्कार, सम्मान
- दलित समाज के कल्याण के लिए किए गए उत्कृष्ट कार्यो के लिए डॉ. भीमराव अम्बेंडकर फैलोशिप से सम्मानित किया गया।
- म.प्र. विधानसभा में अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए 21 सितंबर 1989 को पूर्व लोकसभा अध्यक्ष श्री बलराम जाखड़ के द्वारा जागरूक विधायक के तौर पुरस्कारित किया गया।
सुश्री अनुसुईया जी के सामाजिक पदों के दायित्वों का विवरण
- वर्ष 1981 में अध्यक्ष, रोटेक्ट क्लब, छिन्दवाड़ा म.प्र.
- वर्ष 1982 में जिलाध्यक्ष, भारत युवक समाज, छिन्दवाड़ा म.प्र.
- वर्ष 1984 में जिला अध्यक्ष, आदिवासी विकास परिषद, छिन्दवाड़ा म.प्र.
- वर्ष 1985 में प्रदेश उपाध्यक्ष, भारत स्काउट गाईड म.प्र.
- वर्ष 1986 में प्रदेश उपाध्यक्ष, भारत युवक समाज म.प्र.
- इंटरनेशनल नेचुरोपैथी आर्गेनाईजेशन(INO) झिंझोली, नई दिल्ली में संरक्षक का निर्वहन किया
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