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हिन्‍दी बालगीत केजी 1 (KG-1)

प्रिय नन्‍हे-मुन्‍हे बच्‍चों आज की इस पोस्‍ट में हम आपके लिए हिन्‍दी बालगीत केजी 1 (KG-1) लेकर आये है, जो आपको बहुत पसंद आ सकती है। 

हिन्‍दी बालगीत केजी 1 (KG-1)

विनती 

विनती सुन लो, हे भगवान !

पढ़-लिखकर हम बनें महान, 

करें हमेशा अच्छे काम,

सारे जग में फैले नाम, 

आएँ सदा देश के काम ।

हिन्‍दी बालगीत केजी 1 (KG-1)

पतंग

पतंग मेरी उड़ती जाए,

आसमान पर चढ़ती जाए।

दाऍ जाए, बाऍं जाए, 

घूमे नाचे और इठलाए। 

ऊपर-नीचे गोते खाए,

फिर भी कोई पकड़ न पाए। 


हिन्‍दी बालगीत केजी 1 (KG-1)

गोल गोल

दादाजी का डंडा गोल,

दादीजी का ऐनक गोल।

पापा जी के पैसे गोल, 

मम्मी कहती लड्डू गोल।

हम भी गोल, तुम भी गोल, 

सारी दुनिया है गोलम गोल। 

हिन्‍दी बालगीत केजी 1 (KG-1)

शेर निराला, हिम्मत वाला 

शेर निराला, हिम्मत वाला।

लम्बी–लम्बी मूँछों वाला। 

तेज नुकीले दॉतों वाला।  

सब का दिल दहलाने वाला।

हटो-हटो आया शेर।

भागो-भागो आया शेर। 

हिन्‍दी बालगीत केजी 1 (KG-1)

तारे

आसमान में निकले तारे, 

देखो-देखो कितने प्यारे।

इनकी शान है निराली,

सूरत कितनी भोली-भाली। 

रोज सवेरे छिप जाते हैं,

जैसे हमसे शरमाते हैं। 

हिन्‍दी बालगीत केजी 1 (KG-1)

धम्मक-धम्मक

धम्मक-धम्मक आता हाथी, 

धम्मक-धम्मक जाता हाथी।

अपनी सूँड उठाता हाथी,

अपने कान झुलाता हाथी, 

अपनी पूँछ हिलाता हाथी। 

धम्मक-धम्मक आता हाथी, 

धम्मक-धम्मक जाता हाथी।

हिन्‍दी बालगीत केजी 1 (KG-1)

कुत्ता

टोनी मेरा प्यारा कुत्ता,

हरदम शोर मचाता है। 

मम्मी-पापा के आने पर, 

सट-कर पूँछ हिलाता है। 

दो पैरों पर लम्बा होकर,

उनसे प्यार जताता है। 

जब वह देखे कोई चोर, 

जोर-जोर से मचाए शोर।

हिन्‍दी बालगीत केजी 1 (KG-1)

बिल्ली मौसी 

बिल्ली मौसी, बिल्ली  मौसी, 

कहो कहॉं से आई हो ?

कितने चूहे मारे तुमने,

कितने खाकर तुम आई हो ?

क्या बताऊँ, शीला बहन, 

आज नहीं कुछ पेट भरा, 

एक ही चूहा पाया मैंने, 

वो भी बिल्कुल सड़ा हुआ।  

हिन्‍दी बालगीत केजी 1 (KG-1)

मॉं

प्यारी जग से न्यारी मॉं,

खुशियॉं देती सारी मॉं।

चलना हमें सिखाती मॉं, 

मंजिल हमें दिखाती मॉं।

सब से मीठा बोल है मॉं,

दुनिया में अनमोल है मॉं।

हिन्‍दी बालगीत केजी 1 (KG-1)

ए.टी.एम.

ए.टी.एम. अनोखी सुविधा,

कभी भी बैंक में आओ। 

बंधन मुक्त यह प्रणाली, 

जब चाहो, धन पाओ।

धन अपना और बैंक भी अपना, 

तनिक भी न कष्ट उठाओ।

क्यों न ऐसी जन-सुविधा से, 

भैया लाभ उठाओ। 

हिन्‍दी बालगीत केजी 1 (KG-1)

बीच सड़क पर कभी न जाओ

सड़क बनी है लम्बी चौड़ी, 

इस पर जाए मोटर दौड़ी।

सब बच्चे पटरी पर जाओ,

बीच सड़क पर कभी न आओ।

आओगे तो दब जाओगे, 

चोट लगेगी, पछताओगे। 

हिन्‍दी बालगीत केजी 1 (KG-1)

राखी

राखी धागों का त्यौहार, 

इसमें भाई बहन का प्यार।

सभी भाई राखी बँधवाऍं, 

सदा बहन की लाज बचाऍं । 

बहनें प्यारे तोहफे पाऍं, 

भाइयों को दें सदा दुआऍं। 

भाई बहन का प्यार अनूठा,

सबसे सच्चा  कभी न झूठा। 

हिन्‍दी बालगीत केजी 1 (KG-1)

गुलाब

है गुलाब फूलों का राजा,

जब देखो तब लगता ताजा।

कितना सुंदर लगता है, 

जब-जब ये खिलता है। 

मत तोड़ो तुम इसको भाई, 

इससे बाग ने शोभा पाई। 

हिन्‍दी बालगीत केजी 1 (KG-1)

रिमझिम-रिमझिम

रिमझिम-रिमझिम बरखा रानी, 

आसमान से बरसा पानी।

भर गए सब ताल तलैया, 

बच्चे  नाचें ता-ता थैया। 

चारों ओर हरियाली छायी, 

बीती गर्मी वर्षा आयी। 

हिन्‍दी बालगीत केजी 1 (KG-1)

बच्चों की रेल

यह बच्चों की रेल है, बड़ा अनोखा खेल है। 

यह कोयला नहीं खाती है, इसे मिठाई ही भाती है।

यह नहीं छोड़ती धुऑं, मुड़ जाती देख कर कुऑं। 

चलते-चलते जाती रूक, 

छुक-छुक-छुक-छुक-छुक-छुक-छुक

हिन्‍दी बालगीत केजी 1 (KG-1)

बैठ फूल पर सुंदर तितली

बैठ फूल पर सुंदर तितली,

हँसकर मुझसे यूँ बोली।

फूल न तोड़ो, मुझे न छेड़ों। 

छेड़ोगे तो उड़ जाऊँगी, 

पास कभी न आऊँगी। 

हिन्‍दी बालगीत केजी 1 (KG-1)

लाला जी ने केला खाया

लाला जी ने केला खाया, 

केला खाकर मुँह पिचकाया,

उसका छिलका वहीं गिराया। 

तोंद फुलाकर छड़ी उठाई,

छड़ी उठाकर कदम बढ़ाया। 

पैर के नीचे छिलका आया, 

लाला जी तब गिरे धड़ाम। 

मुँह से निकला हाय राम। 

हिन्‍दी बालगीत केजी 1 (KG-1)

पंखा 

ऊपर पंखा चलता है, 

नीचे बेबी सोता है। 

सोते-सोते भूख लगी, 

खा ले बेटा मूँगफली। 

मूँगफली में दाना नहीं,

हम तुम्हारे नाना नहीं। 

हिन्‍दी बालगीत केजी 1 (KG-1)

सूरज

रोज सुबह को सूरज आकर, 

सबको सदा जगाता है।

शाम हुई लाली फैलाकर,

अपने घर को जाता है। 

दिनभर खुद को जला-जलाकर, 

यह प्रकाश फैलाता है। 

उसका जीना ही जीना है, 

जो काम सभी के आता है। 

हिन्‍दी बालगीत केजी 1 (KG-1)

बाहर एक पुरानी लकड़ी

बाहर एक पुरानी लकड़ी,

उसमें बैठी मोटी मकड़ी,

एक दिन बेला मॉं से रूठी,

जाकर उस लकड़ी पर बैठी।

लकड़ी में से निकली मकड़ी। 

बेला झट से ऐसे उछली।  

हिन्‍दी बालगीत केजी 1 (KG-1)
झंडा 

देखो, बच्चों, झंडा प्यारा, 

तीन रंगों का मेल है सारा। 

सदा रहे यह झंडा ऊँचा,

आकाश को रहे यह सदा छूता।

सदा करो तुम इसका मान, 

कभी न करना इसका अपमान।

झंडा है ये देश की शान, 

बना रहे यह सदा महान। 

जय हिंद ! 

अंतिम शब्‍द-    मुझे पूरा विश्‍वास है कि आपको हिन्‍दी बालगीत केजी 1 (KG-1) का पोस्‍ट बहुत पसंद आयेगा। अगर आपको ये पढ़ने में अच्‍छा लगता है तो इसे दूसरे लोगों को भी शेयर करें। तब तक के लिए आपका बहुत-बहुत धन्‍यवाद......   

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