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Google Search Console के Features कौन-कौन से है? पूरी जानकारी (हिन्‍दी में)

 Google Search Console के Features कौन-कौन से है?


आप एक Blogger है तो आपको Google Search Console के Features के बारे में जरूर पता होना चाहिए कि इसके कौन-कौन से Features होते है। इनका इस्तेमाल कैसे करते है। अब हम आपको विसतार से बताएंगे Google Search Console के Features के बारें में । सबसे पहले तो ये जान लेते है कि इसके Features कौन-कौन से है- 


Google Search Console के Features कौन-कौन से है? पूरी जानकारी (हिन्‍दी में)

Add Property

Overview

Performance

URL inspection

Index- I) Coverage II) Sitemaps III) Removals

Experience- I) Page Experience II) Core Web Vitals III) Mobile Usability

Security & Manual Actions

Legacy tools and reports

Links

Settings

Submit Feedback

About Search Console


Add Property:- (1) यह Google Search Console का वह भाग होता है जिसे हम Add Property के नाम से जानते है। अगर आपने इसमें पहले से ही कोई वेबसाइट को Add करके रखा है तो वह उसके ऊपर उस blog या website का नाम दिखाई देगा। अगर आपने कोई भी blog या website को Add नही किया है तो वहां पर Add Property लिखा हुआ दिखाई देगा।


(2) अगर आप कोई नया blog या website को Add करना चाहते है तो आपको Add Property पर click करके verify कर सकते है। और Google Search Console में अपना blog या website को Add सकते है।


Overview:- यह Google Search Console का पहला भाग है, जिसमें आप अपनी blog या website से संबंधित जानकारी जैसे- Performance, Coverage और Enhancement आप इन तीनों की स्थिति को एक ही page में देख सकते हो। 


Performance:- यह Google Search Console का दूसरा और सबसे अहम भाग होता है। जिसमें  (i) Total Clicks, (ii) Total Impressions और (iii)  Average CTR को अलग-अलग एक ही page में दिखाता है। जो यह बताता है कि आपके blog या website का प्रदर्शन (Performance) कैसा रहा। अब हम आपको इन तीनों चीजों के बारे में समझाते है।


(i) Total Clicks:- इस भाग में आपको यह पता चलाता है कि आपके blog या website पर कितने लोगों ने कितनी बार Total Click किया। 


(ii) Total Impressions:- इस भाग में आपको यह पता चलाता है कि आपकी blog या website का नाम Search Engine Result के Page में कितनी बार Show हुआ।


(iii) Average CTR:- इस भाग में आपको यह पता चलाता है कि आपकी blog या website का Average CTR कैसा रहा। जिसमें CTR का मतलब होता है Click-Through Rate, अर्थात् यह आवश्यक नहीं है कि जितने Clicks हुए उतने ही visits भी हुए होगे, इसके बहुत सारे कारण हो सकते है। 


जैसे- आपकी blog या website का loading speed low होना, internet connection की problem, user के अनुरूप contents ना होना या फिर हो सकता है कि user आपकी website पर click करने के बाद भी बिना visit किए ही skip करके चला जाए इत्यादि। इसका मतलब ये हुआ कि यह traffic के बारे में विस्तार से जानकारी पहले वाले कॉलम या भाग की अपेक्षा बेहतर result प्रदान करती है। 


इसके अलावा आप चाहे तो नीचे की तरफ आपके visitors की जानकारी एक list के रूप में दिखाई देती है उसे भी देख सकते है। जिसमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार है- 


Keyword wise clicks तथा CTR को बताया जाता है। अर्थात् इसका मतलब ये हुआ कि जो लोग keyword search करते है उस keyword की वजह से कितने लोगों ने आपकी website पर visits किया।


ठीक उसी प्रकार Average CTR की जानकारी भी URL wise, country wise, device wise दिखाई देती है। 


URL inspection:- जब भी हम कोई नया blog post लिखते है तो उसके बाद में हमें उस post का URL link copy करने के बाद URL inspection पर click करके Google को बताना पड़ता है। इससे हमें ये पता चलता है कि हमारा blog post गूगल पर है या नही।  अगर हमारा blog post गूगल पर नही है तो हम उस post के लिए request कर सकते है। यानी कि उस post को Google पर index कर सकते है। इसके साथ-साथ हम indexing का भी पता लगा सकते है।


Index:- इसको तीन मुख्य भागों में बांटा गया हैं, जिसमें  I) Coverage II) Sitemaps III) Removals प्रमुख है, अब हम आपको इन तीनों के बारे में विस्तार से बताएंगे-


I) Coverage:- कवरेज Google Search Console का वह भाग होता है जिसमें हमें इस बात का पता चलता है कि हमारी website को देखे जाने की स्थिति क्या है। अर्थात् इसका मतलब ये कि Google ने जब हमारी website को देखा तो उसे कौन-कौन सी परेशानियां हुई, हमारी website के कितने page index हुए और कितने page index नही हुए है, उसके क्या कारण है इत्यादि की जानकारी मिल जाती है। जिसे हम एक प्रकार से report भी कह सकते है। 


कवरेज (Coverage) को चार उपभागों में बांटा गया है:- 

I. Error

II. Error but indexed

III. Valid pages

IV. Excluded


अब हम इन चारों उपभागों के बारे में विस्तार से जानते है:-


I. Error:- इस भाग में google हमें उन पेजो के बारे में जानकारी देता है जो किसी Error होने के कारण page index नही हो पाया है।


II. Error but indexed:- इस भाग में google हमें उन पेजो के बारे में जानकारी देता है जिसमें छोटी त्रुटियां या गलतियां हुई है लेकिन फिर भी page को index कर लिया गया है। 


V. Valid pages:- इस भाग में गूगल हमें उन पेजो की मात्रा बारे में जानकारी देता है जिसमें index करते समय उन्हे कोई भी Error की समस्या नहीं मिली। यानी आपकी website के page एकदम सही है। 


VI. Excluded:- इस भाग में गूगल हमें उन पेजो के बारे में जानकारी देता है, जिसमें google हमारे page को जानबूझ index नही किया गया। इसमें सबसे खास बात ये है कि इनमें कोई भी Error नहीं होता है लेकिन इन्हे अक्सर intentionally exclude किया जाता है।


II) Sitemaps:- यह index का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण उपभाग है अर्थात् यह एक प्रकार से आपकी website का एक map होता है। जिसमें हम अपनी website का Sitemap को add सकते है। इससे google आपको ये बताता है कि आपकी website से related  कितने URL submit हुए है और कितने URL बिना किसी समस्या  के index  हुए है। 


III) Removals:- इसका मतलब होता है हटाना या remove करना। यह एक ऐसा feature होता है जिसके बारे में हर blogger को पता होना चाहिए। क्योंकि जब हम कोई post publish कर देते है और वह google के page पर show तो होता है लेकिन जब हम उस click करते है तो वह 404 Error show करता है। इसका मतलब ये हुआ कि हमारे post में कहीं ना कहीं backlinks या internal links में गलती हुई है। या फिर दूसरा कारण ये भी हो सकता है कि आप उस  blog  post को google में दिखाना नही चाहते।  


अब सवाल ये उठता है कि इन समस्याओ को कैसे दूर किया जाएं। आप केवल google के page दिख रहे blog  post के URL को copy करना है और Removals पर click करना है उसके बाद में आपको New Request पर click करना है। और दिए गए स्थान पर copy किए गए blog  post के URL को paste करके continue पर click कर देना है। अब आपने जिस blog  post के URL का Request किया है। वह post गूगल पर 6 महिने तक दिखाई नहीं देगा। 


अब आपको इसके नीचे कुछ links दिखाई देगें जिसमें हो सकता है कि पहले अपने blog  post का लिंक हटाने के लिए Request किया हो। अगर नही किया है तो कुछ भी show नहीं होगा। अगर आपके द्वारा किए गए Request गूगल में चला जाता है और Temporary removals URL pending दिखाई देता है । इतना करने के बाद में गूगल इस लिंक को 2 घंटे या 4 घंटे के अंदर इस लिंक को remove कर देता है। 


Experience- I) Page Experience II) Core Web Vitals III) Mobile Usability


II) Core Web Vitals:- इसमें आप अपने blog या website की speed क्या है कि जांच कर सकते है, यानी कि आप यहां से ये देख सकते है आपकी blog या website की speed desktop में क्या है और mobile में क्या है। आपको दोनों की speed का report एक ही page में अलग-अलग देखने के लिए मिलेगा।


III) Mobile Usability:- यहां पर आपकी blog या website को mobile में open जो समस्याएं आती है उसे गूगल तुरंत Mobile Usability में error show देता है। याने कि आपको यहां पर ये दिखाई देता है कि आपकी blog या website की कौन-कौन सी post को mobile में open करने पर issues की समस्या आ रही है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि आपकी website का जो theme होता है वह मोबाइल फ्रेन्डली नही होता है। जिसके कारण आपका blog या website मोबाइल में open करने पर issues की समस्या उत्पन्न करता है। 


Mobile Usability के तीन सबसे प्रमुख पैरामीटर्स है जो आपको इनका खासकर ध्यान रखना चाहिए। ।) User friendly pages ।।) Large size pages ।।।) Small font अब हम इन्हे विस्तार से जानते है :- 


।) User friendly pages:- इस part में आपको इस बात का पता चलता है कि आपके blog या website के कितने pages mobile में open करने के लिए एकदम perfect है। अर्थात् यूजर को उन पोस्ट या पेजेस को mobile में open करने के लिए किसी परेशानी का सामना नही करना पड़ता । 


।।) Large size pages:- इस part में आपको इस बात का पता चलता है कि आपके blog या website के कितने pages mobile की small screen पर दिखने के नजरिये से काफी बड़े है। अर्थात् वह page आपकी मोबाइल के स्क्रीन पर एक ही  बार में पूरा दिखाई नहीं देता है। और उन्हे scroll करके देखना पड़ता है। इसलिए Large size के pages को यूजर फ्रेन्डली नहीं माना जाता। 


।।।) Small font:- आपने कभी न कभी इस बात पर गौर किया होगा कि कुछ साइट्स ऐसी होती है जिनको desktop में देखने पर एकदम परफेक्ट लगती है लेकिन उन्हे जब हम मोबाइल मे देखते है तो उनका font size बहुत ही छोटा दिखता है या फिर किसी-किसी वेबसाइट की font size बहुत ही छोटी दिखती है जिसके कारण यूजर्स को पढ़ने में बहुत दिक्कते आती है।


यहां पर सबसे जरूरी और अहम बात ये है कि आप जब भी आपके blog या website को design करते है तो इस बात का विशेष ध्यान रखे कि आपका website मोबाइल और डेस्कटाप दोनों के अनुकूल हो। इससे ये फायदा होगा कि आपके यूजर को पढ़ने में सुविधा होगी। 


Security & Manual Actions:- इस पार्ट के भी दो प्रमुख भाग है ।) Manual Actions ।।) Security issue III) international targeting IV) Messages अब हम इन चारो को विस्तार से जानते है इनके बारे में 


।) Manual Actions:- अगर किसी कारण से आपकी वेबसाइट में कोई issue होगा तो वह यहां दिखाई देगा। यानी कि गूगल किसी कारणवश आपकी वेबसाइट पर पेनाल्टी लगा देता है तो वह यहां पर शो होता है।


।।) Security issue:- अगर किसी कारणवश आपकी वेबसाइट में कोई Security issue होगा तो वह यहां पर दिखाई देगा। आप चाहे तो इस issue को रिमूव भी कर सकते है।


III) international targeting:- आप यहां से ये निर्धारित कर सकते है कि किसी भी language तथा country को manually तौर पर target कर सकते है जिससे ये होगा कि आपके वेबसाइट पर views उसी country से मिलेगा।


IV) Messages:- यहां पर आपको गूगल से जितने भी Messages आये होगे वो यहां पर दिखाई देगे। आप चाहे तो उसे पढ़कर डिलेट भी कर सकते है। 

 

Links:- इस पार्ट के भी तीन प्रमुख भाग है ।) External links II) Internal links II) Top linking site अब हम इनके बारे में जानते है।


।) External links:- ये वह लिंक्स होते है जो हमारी वेबसाइट से बाहर जाते है जिन्हे हम एक्सटर्नल लिंक कहते है। इसलिए इस बात का हमेशा ध्यान रखे कि ये लिंक्स अच्छी अथारिटी वाले वेबसाइट को ही जाना चाहिए। 


II) Internal links:- ये वह लिंक्स होते है जो हमारी वेबसाइट के अंदर किसी दूसरे पोस्ट के लिंक्स को लगाये जाते है इसे हम इंटरनल लिंक कहते है।


II) Top linking site:- ये वह लिंक्स होती है जिसमें हम अपने कंटेन्ट में बैकलिंक्स देते है। यानी ये उस साइट की लिंक लिस्ट होती है जो एसईओ के नजरिए से बेहतर माना जाता है। जिसमे क्वालिटी, बैकलिंक्स के कीवर्ड और ट्रैपिक सबसे ज्यादा मायने रखती है। 


Settings:- यह गूगल सर्च कंसोल का वह भाग होता है जो पूरी तरह से वेबसाइट के ऑनर पर निर्भर करता है यानी कि वह जैसा चाहे वैसा उसे मैनेज कर सकता है। इस पार्ट में यह भी बताया जाता है कि इस वेबसाइट की ऑनरशिप किसके पास है। आप यहां पर अपनी ऑनरशिप डिटेल्स को अपडेट भी कर सकते है। 


Submit Feedback:- अगर आप अपनी तरफ से गूगल सर्च कंसोल के बारे में अपने अनुभवों को गूगल पर देना चाहते है तो Submit Feedback पर दे सकते है कि आपको ये टूल कैसा लगा या जो भी हो।  


About Search Console:-  यहां पर सर्च कंसोल के बारे में सारी जानकारी मौजूद होती है अगर आप सर्च कंसोल के बारे और अधिक जानना चाहते है तो आप यहां पर क्लिक करके देख सकते है। 


सारांश


इस प्रकार आपने जाना कि Google Search Console के Features कौन-कौन से है? पूरी जानकारी (हिन्‍दी में) मुझे उम्‍मीद है कि ये पोस्‍ट पसंद आया होगा । अगर आपके मन में इस पोस्‍ट से संबंधित कोई सवाल या सुझाव है तो मुझे कमेंट करके जरूर बताइये। तब तक के लिए आपका धन्‍यवाद। 


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